
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी 27 मई 2025, मंगलवार, भारतीय शेयर बाजार भारी उतार-चढ़ाव के बाद लाल निशान में बंद हुआ। निवेशकों की मुनाफावसूली और वैश्विक संकेतों की अनिश्चितता ने बाजार को दबाव में ला दिया। वैल्यूएशन को लेकर निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं और इससे बड़ी कंपनियों के शेयरों में दबाव बना है।
गोमांस निकला भैंस का, लेकिन लात-घूंसे असली थे!
बीएसई सेंसेक्स 624.82 अंक या 0.76% गिरकर 81,551.63 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 174.95 अंक यानी 0.70% की गिरावट के साथ 24,826.20 पर आ गया।
25 सेंसेक्स स्टॉक्स लुढ़के, 5 ही दिखे हरे
सेंसेक्स के कुल 30 में से 25 स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिली। अल्ट्राटेक सीमेंट, आईटीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे दिग्गज स्टॉक्स में सबसे ज्यादा कमजोरी रही।
वहीं इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स और नेस्ले जैसे कुछ चुनिंदा स्टॉक्स ने मजबूती दिखाई।
मिडकैप और स्मॉलकैप में राहत
बड़ी कंपनियों के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अपेक्षाकृत लचीलापन रहा।
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BSE मिडकैप इंडेक्स में 0.18% और
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BSE स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.19% की बढ़त दर्ज की गई।
वैश्विक संकेत: मिला-जुला रहा माहौल
वैश्विक बाजारों में भी अनिश्चितता का माहौल रहा।
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दक्षिण कोरिया का KOSPI और शंघाई का SSE Composite गिरावट में बंद हुए।
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वहीं जापान का Nikkei 225 और हांगकांग का Hang Seng बढ़त में बंद हुए।
अमेरिकी बाजार सोमवार को ‘मेमोरियल डे’ के चलते बंद थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय संकेत कमजोर रहे।
निवेशक क्यों हुए सतर्क?
इस सप्ताह भारत में औद्योगिक उत्पादन (IIP) और GDP के आंकड़े आने हैं। साथ ही अप्रैल महीने के आर्थिक संकेतकों पर भी नजर बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों ने रिस्क लेने से परहेज करते हुए मुनाफावसूली को तरजीह दी।
एफआईआई गतिविधि और ब्रेंट क्रूड
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एफआईआई ने सोमवार को ₹135.98 करोड़ के शेयर खरीदे।
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वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.51% बढ़कर $65.07 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
मार्केट का यह झटका अल्पकालिक हो सकता है, लेकिन आने वाले आर्थिक आंकड़े इसकी दिशा तय करेंगे। निवेशकों को सलाह है कि वे अपनी रणनीति दीर्घकालिक लक्ष्यों पर टिकाए रखें और जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचें।
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